अपने अंदर की प्रतिभा (TALENT) को पहचानो (KNOW THE “YOU IN YOU”)
अपने अंदर छुपी प्रतिभा को कैसे पहचानें ? इस लेख के माध्यम से हम आपको अपने बच्चे के अंदर छुपी प्रतिभा को पहचानने का तरीका बताएँगे।
अगरआप इसे पढ़ रहे हैं तो फिर आप ये तो मानते ही हैं कि हर व्यक्ति में टैलेंट होता है।
मेरा भी विश्वास यही है कि जब भी कोई इंसान पैदा होता है उसके अंदर ईश्वर एक प्रतिभा (TALENT) छुपा कर डाल देते हैं।
अब यहाँ एक करोड़ का प्रश्न यह है कि हम अपने अंदर के टैलेंट को कैसे पहचाने ?
छुपी हुई प्रतिभा को लेकर बच्चों के मन में उठने वाले प्रश्न
क्या सभी में अद्भुत प्रतिभा होती है ?
ईश्वर की बनाई इस पूरी सृष्टि में जिसमे नदी, समुद्र, पहाड़ , पठार , रेगिस्तान , वन (FOREST), जीव जंतु इत्यादि में से कुछ भी आपको अनुपयोगी लगता है ? यदि नहीं, तो फिर ईश्वर के बनाये हुए आप अनुपयोगी कैसे हो सकते हैं ? बस, इतनी सी ही बात समझनी है।
क्या इसे पहचानना मुश्किल है ?
कोई बच्चा बिना सीखे बहुत अच्छी ड्राइंग बनाता है तो कोई गाना जाता है।
कोई खेल में बहुत अच्छा होता है तो कोई पढाई में।
क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर उसे किसने सिखाया या फिर वो कहाँ से सीखकर आया है ?
इसी को प्रतिभा कहते हैं। ये तो दिखाई देने वाली चीज़ है। इसे पहचानने में मुश्किल क्यों।
फिर हम विद्यालय क्यों जाते हैं ?
जब आप दस तरह के काम करते हैं तो आपको ये पता लग जाता है कि कौन से सात-आठ काम आपके लिए नहीं है और
ऐसे कौन से दो -तीन काम हैं जो आप दूसरों से अच्छा कर सकते हैं।
विद्यालय ही आपकी प्रतिभा को बाहर निकालने का और उसे निखारने का काम करती है।
विद्यालय में पढाई , खेल-कूद, संगीत , चित्रकला , क़्विज , डिबेट इत्यादि आपको ये जानने में मदद करती है कि आप इनमे से किसमे दूसरों से अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
हमें सारे विषय क्यों पढ़ने पड़ते हैं ?
ये कोई नहीं जानता कि किस उम्र में आपकी रूचि किस विषय में जाग जाये। इसलिए आपको अनेक विषय पढ़ाये जाते हैं। जीवन के किसी भी मोड़ पर आपको कोई भी एक ऐसा व्यक्ति मिल सकता है जो आपकी सोच और आपकी रूचि बदल सकता है।
प्रतिभा छुपी हुई क्यों होती है ?
आप अपने घर में सोना-चांदी , हीरे-जवाहरात या फिर रुपये-पैसे छुपा कर क्यों रखते हैं ?
क्योंकि ये सारी चीज़ें कीमती हैं। इन्हें अगर हम बाहर रखेंगे तो फिर ये गायब भी हो सकती हैं।
हमारा टैलेंट भी हमारा संसाधन (resource) है इसलिए उसका छुपा होना स्वाभविक है।
हमारी प्रतिभा बाहर कैसे आएगी ?
ज़मीन के ऊपर से जब हम कंकर, पत्थर , मिटटी , बालू हटाते हैं तो उसके गर्भ में छिपा संसाधन अपने आप बाहर आ जाता है। उसी प्रकार हमें भी अपने ऊपर से कचरे ( वो चीज़ें जो हमारा ध्यान भटकाती हैं ) को हटाना होगा, आपकी प्रतिभा बाहर आ जाएगी।
क्या टैलेंट बाधा भी बन सकती है ?
सोने से लदे व्यक्ति को जान का खतरा ज्यादा होता ही है। अगर आपमें टैलेंट है तो आपसे नफरत करने वाले आपके दुश्मन भी ज्यादा होंगे।
आपके साथ अन्याय भी होगा और आपको नीचा दिखाने का या बदनाम करने का प्रयास भी किया जायेगा।
आपके विरोधी एकजुट हो जायेंगे और आपको अपनी लड़ाई खुद अकेले ही लड़नी पड़ेगी।
मोदी जी को हराने के लिए सभी विरोधी एकजुट हो गए थे। मगर अच्छी बात ये है कि इससे आप और भी ज्यादा दृढ़ और मज़बूत हो जाते हैं।
भारत जैसे देश में आपका टैलेंट ही आपकी सफलता के मार्ग में बाधा बनकर आपका रास्ता रोक सकता है।
ये तो ठीक है मगर क्या हमारे पेरेंट्स इस बात को समझेंगे ?
हर पैरेंट को ये लगता है कि कहीं हमारा बच्चा मुसीबत में न पड़ जाये। किसी भी काम में सफलता आसानी से नहीं मिलती। इसी डर की वजह से वो आपको सपोर्ट नहीं करते।
अगर आप म्यूजिक में आगे बढ़ना चाहते हैं और वो आपको रियाज़ करते नहीं देखते, तो आपको सपोर्ट नहीं करते।
https://shapingminds.in/सही-पेरेंटिंग-के-लिए-अपना/ जिस दिन वो आपके अंदर एक जूनून , एक पागलपन या दीवानापन देखेंगे, मेरा यकीन मानिये आपको कोई भी मना नहीं करेगा।
अपने पैशन को फॉलो करने में कितना खतरा है ?
यह प्रश्न ही गलत है। अपने पैशन को फॉलो नहीं करने में खतरा ज़्यादा है। मछली तैरने की कला को लेकर जन्म लेती है। स्विमिंग उसका पैशन है। अगर वो अपने पैशन को फॉलो करने की बजाय पेड़ पे चढ़ने का प्रयास करेगी तो उसका असफल होना निश्चित है।
जो बच्चे पढाई में अच्छे नहीं हैं , उन्हें क्या करना चाहिए ?
आजकल बच्चे टी.वी , कंप्यूटर, मोबाइल इत्यादि में इतना वक़्त बिताते हैं और कुछ भी सीखने का प्रयास नहीं करते, वो अपनी ज़िन्दगी बर्बाद कर रहे हैं।https://shapingminds.in/बच्चे-पढाई-में-क्यों-कमज़ो/ पढाई में सभी अच्छे नहीं हो सकते।
मगर आप अन्य दस चीज़ों में उनसे अच्छे हो सकते हैं जैसे खेल , मैकेनिकल वर्क ( मोबाइल , स्कूटी , कार रिपेयरिंग ), चित्रकला , टेलरिंग , म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट, अच्छी भाषा लिखने या बोलने में , फोटोग्राफी , एक्टिंग, बिज़नेस इत्यादि।
पढाई में अच्छा ना होना कोई बुराई नहीं है , मगर इसके अलावा और किसी भी चीज़ में अच्छा ना होना बुरा है।
अपने अंदर एक स्किल ज़रूर डेवेलोप कीजिये।
पढाई , ट्वीशन , होम-वर्क के साथ टाइम कैसे मैनेज करें ?
सफल और असफल व्यक्ति , दोनों के पास २४ घंटे ही होते हैं।
समय किसी के पास कम नहीं होता।
समय को मैनेज करना आना चाहिए।
क्या सफल होने के लिए भाग्य का होना ज़रूरी है ?
पॉजिटिव सोच , मेहनत और लगन ही आपका भाग्य बनती है।
आप अपने काम में भिड़े रहिये , भाग्य झक मारकर आपका साथ देगा।
https://shapingminds.in/तमसो-माँ-ज्योतिर्गमय/ जो लोग भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं वो कभी भी सफल होने का सपना न देखें।
संक्षेप में ( conclusion )
जब आप अपने अंदर के छुपे संसाधन को तलाशने और निखारने का प्रयास करते हैं तभी आप सही मायने में मानव संसाधन ( HUMAN RESOURCE) कहलाते हैं वरना हर मानव संसाधन नहीं होता।
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