जापान में-भूकंप-ज्वालामुखी-सुनामी ?
आखिर क्यों आते हैं जापान में भूकंप-ज्वालामुखी-सुनामी ? ऐसे प्रश्न अक्सर हमारे मस्तिष्क में उठते हैं।
दुनिया का सबसे विकसित देश जापान जो अपनी संस्कृति और टेक्नोलॉजी के कारण पूरे विश्व भर में जाना जाता है, प्राकृतिक आपदाओं से भी हमेशा घिरा रहता है।
भूकंप, ज्वालामुखी और सुनामी यहाँ के लिए कोई नयी बात नहीं है।
इस लेख के माध्यम से हम ये जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर क्यों आते हैं जापान में भूकंप- ज्वालामुखी-सुनामी ?
ये जानने के लिए सबसे पहले हमें जापान की स्थिति (Location) को समझना पड़ेगा।
तभी हमें ये समझ में आएगा कि आखिर क्यों आते हैं जापान में भूकंप-ज्वालामुखी-सुनामी ?
जापान की स्थिति (Location):
जापान एशिया के पूर्व (East) में एक द्वीपीय देश (Island country) है जो प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) के मध्य स्थित है।
प्रशांत महासागर के चारों और फैला है ज्वालामुखीय और भूकम्पीय श्रृंखला।
इसी वजह से इसे रिंग ऑफ़ फायर (Ring of Fire) भी कहा जाता है।
यह श्रृंखला टेकटोनिक प्लेट (Tectonic Plate) के किनारों पर फैली है, इसी वजह से अशांत है।
टेकटोनिक प्लेट (Tectonic Plate) किसे कहते हैं ?
पृथ्वी का ऊपरी हिस्सा कई छोटे-बड़े प्लेटों (SLAB) से बना है जो
पृथ्वी के भीतरी परत मेंटल के ऊपर तैर रहा है।
इन्हीं प्लेटों के ऊपर टिका है महाद्वीप और महासागर।
कुछ प्लेट तो इतने बड़े हैं कि उनके ऊपर महाद्वीप और महासागर दोनों हैं।
जैसे एक संतरा ऊपर से देखने में ऐसा लगता है जैसे पूरा किसी एक टुकड़े पर आधारित है।
लेकिन, छीलने के बाद पता लगता है कि वह कई टुकड़ों में बटा हुआ है।
इन्हीं ज़मीनी टुकड़ों के बीच की दरार को फाल्ट (Fault) कहते हैं।
ये टुकड़े जब जब एक दूसरे से दूर होते हैं तो इसे डाइवर्जेन्स (Divergence) कहते हैं https://shapingminds.in/हिमालय-भारत-का-सबसे-कमज़ोर/और जब एक दूसरे के नज़दीक आते हैं तो इसे कन्वर्जेन्स (Convergence) कहते हैं।
जापान में भूकंप क्यों आता है ?
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि पूरी धरती मुख्यतः १२ छोटे बड़े टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है जिसके नीचे तरल पदार्थ लावा (Liquid) के रूप में है।
प्लेटें लावा के ऊपर ही तैरती रहती हैं। क्रस्टऔर ऊपरी मैंटल को लिथोस्फीयर (Lithosphere) भी कहा जाता है।
ये प्लेटें लगभग 50 कि.मी. की मोटी परतें होती हैं जिन्हें टेकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये प्लेटें अपनी जगह से हिलती और खिसकती रहती हैं।
एक वर्ष में ये प्लेट लगभग 3 से 5 मिमी. तक खिसक सकती हैं।
जब ये प्लेट किसी दूसरे प्लेट से टकरा जाती हैं तो ऐसे में धरती हिल जाती है और भूकंप आता है।
चूंकि जापान, ऐसे स्थान पर स्थित है जहां कई महाद्वीपीय और समुद्री प्लेटें आपस में मिलती हैं,
इसलिए भूकंप आना स्वाभाविक है।
जापान में ज्वालामुखी विस्फोट क्यों होते हैं ?
जापान कई कमज़ोर और व्याकुल (Disturbed) प्लेटों पर स्थित है और ज्वालामुखी विस्फोट के लिए कमज़ोर भू-भाग का होना आवश्यक है।
चूँकि पृथ्वी की अत्यधिक् गहराई में पदार्थ पिघलने लगता है और भू-तल के कमज़ोर भागों को तोड़कर बाहर निकल आता है,
जिसके कारण ज्वालामुखी विस्फोट होता है।
जापान के आस-पास के क्षेत्र में अत्यधिक भूकंप और ज्वालामुखी फटने की वजह से ही इसे रिंग ऑफ़ फायर(Ring of fire) भी कहा जाता है।
रिंग ऑफ़ फायर से जापान कितनी दूर है ?
रिंग ऑफ़ फायर घोड़े की नाल के आकार में प्रशांत महासागर का एक क्षेत्र है।
यह लगभग ४०,००० वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
यहाँ विश्व के 75 प्रतिशत सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं। विश्व के 80 प्रतिशत भूकंप के झटके भी यहीं महसूस किये जाते हैं।
जापान ठीक इसी काल्पनिक रिंग ऑफ़ फायर के ऊपर ही स्थित है।
सुनामी क्या होता है ? क्या सुनामी जापानी शब्द है ?
सुनामी बिलकुल जापानी शब्द ही है। यह शब्द “सु” और “नामी“, इन दो शब्दों से मिलकर बना है।
जापानी भाषा में “सु” का अर्थ होता है समुद्री तट या किनारा और “नामी” का अर्थ होता है लहरें।
यह समुद्र के अंदर अचानक हुई तेज़ हलचल के कारण उत्पन्न होता है।
ज्वालामुखी या अचानक प्लेट के टूटने से समुद्र के ऊपर का जल तेज़ी से ऊफान बनकर उठता है।
उसके उपरान्त ऊंची लहरों का रेला तेज़ आवेग के साथ आगे की और बढ़ता है।
इन्हीं ऊंची उठती लहरों को सुनामी कहा जाता है।
वैसे तो सुनामी कई कारणों से आ सकते हैं लेकिन सबसे असरदार कारण है भूकंप।
ज्वालामुखी (volcanic eruption) , तूफ़ान (Cyclone), ज़मीन खिसकना (Land slide) , या उल्का (Asteroids) का समुद्र में गिरना – सुनामी आने के अन्य कारण हो सकते हैं।
इन प्राकृतिक आपदाओं से जापान कैसे लड़ता है ? (Disaster Prevention in Japan):
जापान को अपनी लोकेशन और जलवायु के कारण अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।
तूफ़ान , बाढ़ , भूकंप , ज्वालामुखी इत्यादि यहाँ के लिए रोज़मर्रा की चीज़ है।
जापानी लोग हर वक़्त इससे निपटने के लिए तैयार रहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ,
वहां का बच्चा-बच्चा इन आपदाओं को लेकर जागरूक है।
आपदा प्रबंधन की दिशा में जापान विश्व के सभी देशों से आगे है क्योंकि :
१. यहाँ प्रत्येक वर्ष 1 सितम्बर को आपदा रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
इस्ते तहत मेला, संगोष्ठी, चित्रकला एवं पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता आयोजित किये जाते हैं।
आम जनता में आपदाओं से निपटने के लिए चेतना और जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जाता है।
२. जापानी बच्चों को स्कूलों में पहले ही दिन भूकंप से बचने और भवन करने की ड्रिल कराइ जाती है।
३. जापान के पास यसुनामि और भूकंप की चेतावनी देने वाली प्रणाली अत्याधुनिक है।
इस वजह से कुछ ही क्षणों में जानकारी उपलब्ध करा दी जाती है।
इस वजह से लोग सुनामी या भूकंप के तट पर पहुँचने से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुँच जाते हैं।
४. जापान की आपदा प्रबंधन प्रणाली बहुत ही सुपरिभाषित है।
आपदा के वक़्त सरकारी और निजी सारे संगठन एक साथ जुट कर काम करते हैं।
५. प्रधानमंत्री जापान के आपदा प्रबंधन का मुखिया होता है जिनके नेतृत्व में प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश ज़ारी किये जाते हैं।
६. सुनामी से बचने के लिए जापान ने समुद्री तट पर एक ऊंची दीवार बनाई है। यह दीवार 41 फ़ीट ऊंची है 395 km लम्बी है।
७. भूकंप से बचने के लिए जापानी लोग हल्की लकड़ी जैसे प्लाई के मकान में रहते हैं।
दो मंज़िला से ऊंची ईमारत में रहना इन्हें पसंद नहीं है।
भूकंप-रोधी (Earthquake Resistance) मकान और आजकल ऊंची बिल्डिंग बनाने में जापान के लोग उस्ताद हो गए हैं।
उपसंहार (Conclusion):
क्या आप जानते है जापान कुल कितने द्वीपों का देश है और यहाँ का सबसे बड़ा द्वीप कौन सा है ?
इसका उत्तर हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर ज़रूर भेजें।
पहले 50 सही उत्तर भेजने वालों के नाम मेरे वेबसाइट पर नज़र आएंगे।
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धन्यवाद।
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