बरमुडा त्रिकोण –

Written By Avinash Sharan

1st November 2019

बरमुडा त्रिकोण- THE SEA GHOST

 भूमिका :

बरमुडा त्रिकोण का नाम आते ही मन उत्साह से भर जाता है। बचपन से हम इस नाम को सुनते आये हैं।

इसके रहस्य को लेकर आज भी जिज्ञासा बनी रहती है।

बरमुडा त्रिकोण अटलांटिक महासागर में उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी पूर्वी तट के समीप  एक त्रिकोणीय क्षेत्र है

जहाँ इसकी सीमा में प्रवेश करते ही पानी वाले जहाज या फिर हवाईजहाज, रहस्यमयी तरीके से लुप्त हो जाते हैं।

ऐसी घटना वहां पर सदियों से होती आ रही हैं और कोई भी इस रहस्य को आजतक पूरी तरह से समझ नहीं पाया है।

बरमूडा त्रिकोण से मिलती-जुलती एक पौराणिक कथा ;

रामायण में भी कुछ इसी प्रकार की मिलती-जुलती घटना के बारे में वर्णन  है।

जब हनुमान जी लंका जा रहे थे तो समुद्र पार करते समय उनका सामना

सुरसा नाम की नाग माता से हुआ जिसने राक्षसी का रूप धारण कर रखा था।

सुरसा हनुमान को खाना चाहती थी।  हनुमान जी के लाख समझाने पर  भी जब वह नहीं मानी

तो हनुमान जी ने कहा, ठीक है, तुम मुझे खाना ही चाहती हो तो खा लो।

जैसे ही सुरसा उन्हें खाने के लिए अपना मुँह बड़ा करने लगी, हनुमान जी भी अपनी शक्ति से अपने शरीर को बढ़ाने लगे।

बाद में, हनुमान जी ने अचानक अपने शरीर को छोटा किया और सुरसा के मुँह में प्रवेश कर बाहर निकल गए।

हनुमान जी की बुद्धिमानी से प्रसन्न होकर सुरसा ने उनको आशीर्वाद दिया और उनके सफल होने की कामना भी की। 

इसी दौरान उनका सामना समुद्र में छाया गृहणी राक्षसी से भी हुआ।

इस राक्षसी का वर्णन आज के बरमूडा त्रिकोण से काफी मिलता जुलता है।

जिस प्रकार बरमूडा त्रिकोण हवा में उड़ने वाले जहाजों को निगल जाता है ठीक उसी प्रकार छाया गृहणी राक्षसी भी हवा में उड़ने वाले पक्षियों को अपना शिकार बना लेती थी। 

हनुमान जी की परछाई पकड़ कर उसने हनुमान जी की गति को रोक दिया जिससे वो नीचे आने लगे। हनुमान ने अपनी पूरी शक्ति से उसका वध कर दिया और सीता जी खोज में लंका की ओर चल पड़े।

 

बरमुडा त्रिकोण की सर्वप्रथम जानकारी :

 अमेरिकी लेखक विन्सेंट गड
डिस (VINCENT GADDIS) ने सर्व प्रथम 1964 में  इसके क्षेत्रफल की जानकारी अपनी पत्रिका   आर्गोसी (ARGOSI) में अपने एक लेख ” THE DEADLY BERMUDA TRIANGLE” के माध्यम से दी थी।

मान्यताएं : कई वर्षों तक लोगों की अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित थी। जैसे :-

  1. कई लोग इसे दैविक शक्ति तो कई  इसे दानवी शक्ति के रूप में मानते हैं । 
  2.  कुछ लोग इसे अदृश्य शक्ति या फिर एलियन की उपस्थिति मान बैठे हैं । 
  3. कुछ लोग तो ये कहते हैं कि यहाँ से दूसरी दुनिया में जाने का रास्ता या सुरंग है, 
  4. क्रिस्टोफर कोलंबस का कहना था कि इस क्षेत्र के समीप आते ही उन्हें कई प्रकार की चमचमाती रोशनी दिखाई दी इत्यादि … 

बरमुडा रहस्य के पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण :

1. लेखक GIAN J QUASAR का मानना ये था कि यहाँ के वातावरण में कुछ इलेक्ट्रो मैग्नेटिक गड़बड़ी है।

जिसके कारण यहाँ दिशा बताने वाला यन्त्र (कम्पास) ठीक तरह से काम नहीं कर पाता।

इस गड़बड़ी की वजह से यहाँ समुद्र के ऊपर इलेक्ट्रॉनिक फोग यानी कोहरा छा जाता है

जिससे लोगों में  दिशा भ्रम की सी स्थिति पैदा हो जाती है।

 

2. एक और वैज्ञानिक तथ्य यह है कि

समुद्र की निचली सतह में क्रेटर्स (ज्वालामुखी का ऊपरी भाग) की वजह से

उसमे से मीथेन नामक गैस के कारण समुद्रतल से  लगातार बुलबुले उठते रहते हैं जो जहाज के संतुलन को बिगाड़ देते हैं।

जिसकी वजह से जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।

 

 

3.

 कुछ वैज्ञानिक ये मानते हैं कि अटलांटिक महासागर के इस भाग में उष्ण कटिबंधीय चक्रवात – (TROPICAL CYCLONES)  बहुत आते हैं

जिसकी वजह से जहाज तूफानों में फंस कर नष्ट हो जाते है।

4. पुरतो रीको समुद्री खाई (Puerto Rico Trench):

बहुत ही कम लोगों को इस खाई के बारे में जानकारी है ।

यह अटलांटिक महासागर में ही मौजूद है। इसकी गहराई लगभग 8.5 km है और यह 800 km के क्षेत्र में फैला हुआ है।

यह कई रहसमयी घटनाओं एवं सुनामी के लिए यह जाना जाता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक इसकी गहराई के कारण इसमें डूबने वाले जहाज़ का पता नहीं चलता।

बरमूडा त्रिकोणीय क्षेत्र को रहस्यमयी बनाने में इसका भी बहुत बड़ा योगदान रहा है।

निष्कर्ष :

सागर और महासागर अपने गर्भ में बहुत सी रहस्यमयी घटनाओं को छुपाये हुए है जिसका पूर्णतः ज्ञान होना एवं वैज्ञानिक कारणों को खोज पाना इतना आसान तो नहीं ही है फिर भी प्रयास जारी है। 
अमेरिका और लंदन के वैज्ञानिकों ने बरमूडा पर अनेक खोज किये।
उनके अनुसार बरमूडा में होने वाली घटनाएं किसी भी अन्य भाग में होने वाली घटना से ज्यादा नहीं है  इसलिए इसे रहस्यमयी कहना गलत होगा. 

 

 

 

 

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