कश्मीर बना भारत का अभिन्न अंग
आर्टिकल ३७० और जम्मू और कश्मीर – एक परिचय
आर्टिकल ३७० (ARTICLE-370) की वजह से जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग होते हुए भी भारत से अलग था। कश्मीर भारत के लिए नासूर बन चुका था। भारत का स्वर्ग कहलाने वाला कश्मीर भारत के लिए गले की हड्डी बन चुका था।इसकी वजह थी आर्टिकल ३७०। मोदी सरकार ने आर्टिकल ३७० (ARTICLE 370) को हटाकर कश्मीर को सही मायने में आज़ाद कराया।
स्वतंत्रता के बाद अक्टूबर १९४७ को जम्मू-कश्मीर, भारत का हिस्सा बना था। जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ रहने का निर्णय एक महत्वपूर्ण घटना थी। आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान की तरफ से मिल रही चुनौती के बीच जम्मू-कश्मीर को भारत में विलय कराने में मिली सफलता ने उस समय इतिहास रच दिया था।
आखिर क्या है धारा 370:
- स्वतंत्रता के समय जम्मू कश्मीर भारत के गणराज्य में शामिल नहीं था।
- उसके सामने तो विकल्प थे वह या तो भारत या फिर पाकिस्तान में शामिल हो जाए।
- उस समय कश्मीर की मुस्लिम बहुल जनसंख्या पाकिस्तान से मिलना चाहती थी लेकिन राज्य के अंतिम महाराजा हरिसिंह का झुकाव भारत के प्रति था।
- हरिसिंह ने भारत के साथ एक ”इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन” नामक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे।
- इसके बाद भारतीय संविधान की धारा 370 के तहत जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था।
- तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री बनवा दिया था।
- वहां मुख्यमंत्री की बजाय प्रधानमंत्री और राज्यपाल की जगह सदर-ए-रियासत होता था।
कश्मीर पर पाकिस्तान का हमला
- आजादी से पहले से ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुहम्मद अली जिन्ना की कश्मीर पर नजर थी।
- कश्मीर में मुस्लिमों की बड़ी आबादी होने के कारण वह सोचते थे कि कश्मीर उनके देश का हिस्सा बन जाएगा।
- 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के कई हफ्तों बाद हरि सिंह ने अपनी रियासत को पाकिस्तान या भारत के साथ विलय की इच्छा नहीं जताई।
- फिर पाकिस्तान ने ताकत के बल पर जम्मू-कश्मीर को हड़पने की योजना बनाई।
- पाकिस्तान ने महाराजा हरि सिंह से जम्मू-कश्मीर को छीनने के लिए कबायलियों की एक फौज भेजने का फैसला किया।
- 24 अक्टूबर, 1947 को तड़के हजारों कबायली पठानों ने कश्मीर में घुसपैठ को अंजाम दिया।
- महाराजा हरी सिंह ने भारत से मदद मांगी।
- 27 अक्टूबर को पहली सिख बटालियन श्रीनगर पहुंची। https://shapingminds.in/हिमालय-भारत-का-सबसे-कमज़ोर/ तुरंत ही श्रीनगर को पाकिस्तानी हमलावरों के कब्जे से आजाद करा लिया गया।
- और इस प्रकार जम्मू कश्मीर भारत के साथ मिल तो गया लेकिन धरा ३७० के साथ।
धरा ३७० (ARTICLE 370) में समस्या क्या थी :
- जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है ।
- जम्मू -कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है ।
- जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है ।
- भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू – कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
- जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू – कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता है।
- इस 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है।
- इस की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरीकता मिल जाती है । इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती है इत्यादि।
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