“अक्षांश और देशांतर रेखाएँ” LATITUDE & LONGITUDE हमारे लिए क्यों उपयोगी हैं ?
अक्षांश (LATITUDES) और देशान्तर (LONGITUDES) रेखाओं के बारे में तो आपने सुना ही होगा ? क्या होती है “अक्षांश और देशांतर रेखाएं”, आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे। अक्सर ये देखा गया है कि बच्चों में “अक्षांश और देशांतर रेखाओं” को लेकर बहुत कन्फूज़न होता है। “अक्षांशऔर देशांतर रेखाएं””हमारे लिए क्यों उपयोगी हैं , इनका क्या महत्व है, इनके माध्यम से समय कैसे निकालते है ?
तो आइये, सरल शब्दों में जानें क्या होती हैं अक्षांश और देशांतर रेखाएं।
ग्लोब पर खींची काल्पनिक अक्षांश और देशांतर रेखाएं (LATITUDES & LONGITUDES):
जब भी हम अपने हाथों में ग्लोब (GLOBE) उठाते हैं तो उनपर बहुत सी पतली-पतली रेखाएं (LINES) दिखाई देती हैं। इन्हीं रेखाओं में से जो रेखा बायीं (LEFT) से दायीं (RIGHT) और जाती दिखाई देती है, उसे अक्षांश रेखा कहते हैं। इसी प्रकार जो रेखा ऊपर से नीचे की और जाती हुई दिखाई देती है उसे हम देशांतर रेखा कहते हैं।https://shapingminds.in/हिमालय-भारत-का-सबसे-कमज़ोर/ दरअसल, ऐसी कोई वास्तविक रेखा पृथ्वी पर कहीं भी दिखाई नहीं देती इसलिए इन्हें काल्पनिक रेखाएं कहते हैं।
क्यों खींची गयी ये काल्पनिक रेखाएं :
अक्षांश और देशांतर रेखाएं हमारी सुविधा के लिए ही खींची गयी है। इससे पृथ्वी पर किसी जगह या देश को ढूंढने में आसानी होती है। जिस प्रकार बड़े शहर में अगरआपको किसी का घर ढूंढना हो और आपके पास उस व्यक्ति का क़्वार्टर नंबर (QUARTER NO.) और मोहल्ले का नाम है, तो आप आसानी से घर ढूंढ लेंगे। ठीक उसी प्रकार अगर आपको दुनिया के नक्शे पर कोई शहर ढूंढना हो तो अक्षांश और देशांतर रेखाएं आपको उसे ढूंढने में मदद करती हैं।अक्षांश और देशांतर रेखाएं पृथ्वी पर खींची गई काल्पनिक रेखाएं हैं जो ग्रिड का निर्माण करती हैं।पृथ्वी की गतियां
किस प्रकार बनायी गयी अक्षांश और देशांतर रेखाएं :
क्या आपको प्रोटेक्टर के माध्यम से १५, ३०, ४५, ६० और ९० डिग्री का कोण बनाना आता है ? अगर हाँ , तो इसे समझना आसान हो जायेगा। चलिए बनाकर देखते हैं :
१. एक कागज़ लीजिये और उसपर एक गोला बनाइये।
२. बीचो-बीच एक सीढ़ी रेखा खींचिए।
३. इस रेखा की केंद्र बिंदु पर प्रोटेक्टर रखिये।
४. दोनों तरफ लिखी हुई ४५ डिग्री को पेंसिल द्वारा अंकित कीजिये।
५. दोनों अंकित की हुई बिंदुओं को जोड़ दीजिये।
६. ये बन गयी ४५ डिग्री अक्षांश रेखा।
६. इसे ४५ डिग्री अक्षांश रेखा इसलिए कहते हैं क्योंकि ये पृथ्वी के केंद्र से ४५ डिग्री का कोण बनाती है।
क्या है अक्षांश रेखा :
अक्षांश रेखाओं की विशेषताएं ( IMPORTANT FEATURES OD LATITUDE ) :
१. ग्लोब पर पश्चिम से पूरब की और खींची गयी काल्पनिक रेखाओं को ही अक्षांश रेखा कहते हैं।
२ . यह गोल (CIRCLE) एवं एक दूसरे से सामानांतर
(PARALLEL) होती हैं।
३ . इनकी संख्या भू-मध्य रेखा से उत्तर में (ऊपर) 90 और दक्षिण में 90 अर्थात कुल मिलकर 180 होती हैं।
भू-मध्य रेखा को भी जोड़ा जाये तो यह संख्या 181 हो जाती है।
४. 90 डिग्री अक्षांश गोल न होकर सिर्फ एक बिंदु है।
५. दो अक्षांशों के बीच की दूरी 111 Km. होती है।
६. दो अक्षांशों के बीच 60 मिनट होते हैं। जैसे १ और २ अक्षांश के बीच की बिंदु को हम लिखेंगे १ डिग्री ३० मिनट।
7. कर्क रेखा २३ डिग्री और ३०’ उत्तर (नार्थ) , आर्कटिक रेखा 66 डिग्री और ३० ‘ (मिनट) उत्तर एवं उत्तरी ध्रुव 90 डिग्री उत्तर महत्वपूर्ण अक्षांश रेखाएं हैं।
८. इसी प्रकार दक्षिण में मकर रेखा २३ डिग्री और ३०’ दक्षिण (साउथ) , अंटार्कटिक रेखा 66 डिग्री ३०’ (मिनट) दक्षिण और दक्षिणी ध्रुव 90 डिग्री दक्षिण महत्वपूर्ण अक्षांश रेखाएं हैं।
अक्षांश रेखा का महत्व :
देशांतर रेखाएं :
ग्लोब पर उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली रेखाओं को देशांतर रेखा कहते हैं।
इनकी संख्या 360 होती हैं।
यह अक्षांश रेखाओं की तरह समानांतर नहीं होतीं।
यह अर्ध गोलाकार (SEMI-CIRCLE) होती हैं।
जो देशांतर रेखा इंग्लैंड के ग्रीनविच greenwich से होकर गुजरती है उसे हम प्राइम मेरीडियन (PRIME MERIDIAN) कहते हैं ।
यह 0 डिग्री देशांतर (LONGITUDE) होती है।
दो देशान्तरों के बीच की दूरी सबसे अधिक विषुवत वृत्त (EQUATOR) पर होती है।
जैसे जैसे विषुवत वृत्त से हम उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव की और बढ़ते हैं , इनकी दूरी घटती जाती है।
विषुवत वृत्त पर दो देशान्तरों के बीच की दूरी 111. 32 Km होती है।
इन 360 रेखाओं को अंग्रेजी में मेरीडियन (MERIDIAN) भी कहा जाता है।
देशांतर रेखाओं की मदद से समय का पता लगाया जा सकता है।
180 डिग्री देशांतर रेखा को अंतराष्ट्रीय तिथि रेखा INTERNATIONAL DATE LINE कहा जाता है।
जब सूर्य 180 डिग्री से उदय होकर वापस 180 डिग्री पर पहुँच जाता है तो तिथि बदल जाती है।
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अंतराष्ट्रीय तिथि रेखा ( INTERNATIONAL DATE LINE)
दुनिया भर में एकरूपता बनाए रखने के लिए विश्व की समय-सारणी और तारीख को एकजुट करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा तैयार की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा एक सीधी रेखा क्यों नहीं है?
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागरhttps://shapingminds.in/बरमुडा-त्रिकोण-the-sea-ghost/ के बीचों-बीच 180 डिग्री देशान्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है।
अगर इस रेखा को नक़्शे (MAP) या ग्लोब (GLOBE) पर देखे तो यह रेखा हमे टेढ़ी-मेढ़ी दिखेगी।
अगर यह रेखा एक सीधी रेखा होती तो एक ही स्थान को दो भागो में बाट देती और एक ही दिन में एक ही स्थान पर दो तिथियां हो जाती।
इसलिए इसे सीढ़ी ना रखकर टेढ़ी-मेढ़ी बनायी गयी है।
यदि किसी देश के एक भाग में सप्ताह की एक तारीख और दूसरे भाग में अलग तारीख होगी तो यह बहुत असुविधाजनक होगा।
इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा 180 डिग्री देशान्तर पर टेढ़ी-मेढ़ी होते हुए विश्व को दो भागो में बांटती है।
जब सूर्य ग्रीनविच याम्योत्तर(Meridian) रेखा के ऊपर स्थित होगा तब उस समय ग्रीनविच में दोपहर 12 बजे का समय होगा.
उसके बाद सूर्य ग्रीनविच याम्योत्तर से पश्चिम की तरफ जितना खिसकता जाएगा,
उसमें 1 अंश के अनुसार समय बढ़ता जाएगा. 1 अंश बराबर है 4 मिनट के.
इस प्रकार निर्धारित समय को ग्रीनविच का औसत समय कहा जाएगा.
समय निकालने कि विधि (TIME CALCULATION) अक्षांश और देशांतर रेखाएं
पृथ्वी लगभग गोलाकार है अर्थात 360 डिग्री, जिसे पूरी परिक्रमा करने में 24 घंटे का समय लगता है।
24 घंटे यानि अगर इसे मिनट में बदलेंगे तो 24 X 60 = 1440 मिनट।तो एक डिग्री घूमने में समय लगेगा 1440 मिनट / 360 = 4 मिनट।
इसका मतलब दो देशान्तरों के बीच का अंतर होता है 4 मिनट।
भारत और ग्रीनविच के समय में अंतर :भारत और ग्रीनविच के समय में अंतर 5.30 घंटे का है।
अर्थात एक डिग्री से दुसरे डिग्री तक 4 मिनट का समय लगता है।
भारत का मानक समय मन जाता है साढ़े 82. 30 (82.5 डिग्री)ग्रीनविच स्थित है 0 डिग्री पर।
भारत और ग्रीनविच के बीच कुल देशान्तरों की संख्या हुई 82 औरआधा।
हमें पता है की एक डिग्री में 4 मिनट का अंतर होता है, इस प्रकार 82 X 4 = 328 मिनट और १/२ डिग्री का १/२ X 4 = 2 मिनट।
कुल हुआ 328 + २ = ३३० मिनट।
इसे घंटे में बदलेंगे तो 330 /60 =5 १/२ घंटे .
इस प्रकार भारतीय मानक समय https://www.sansarlochan.in/bhartiya-manak-samay-quiz-hindi/ ग्रीनविच से साढ़े 5 घंटे (5Hrs.30min) आगे है।
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