भारत का नक्शा (मानचित्र)

Written By Avinash Sharan

12th June 2020

नक्शा या मानचित्र को आसानी से कैसे देखते और बनाते हैं ?

भारत का नक्शा या मानचित्र

    भारत का नक्शा या मानचित्र

भारत का नक्शा या मानचित्र बेचारे बच्चों को बहुत परेशान करता है।

हर परीक्षा में भारत के नक़्शे (मानचित्र) से प्रश्न पूछे जाते हैं।

बेचारे बच्चे अंदाज़ से या फिर बगलवाले की कॉपी से देखकर परीक्षा में बना आते हैं।

क्या भारत का नक्शा (मानचित्र)और उसके राज्यों का नाम याद रखना मुश्किल काम है ?

नहीं।

इसे पढ़ने या फिर बताने का तरीका गलत है।

खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश , राजस्थान , पंजाब , हरयाणा , मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के हिंदी मध्यम विद्यालयों में।

 

नक्शा (मानचित्र) कहते किसे हैं ?

मान लीजिये कि आपके गाँव में बहुत सारे खेत हैं।

इसमें से कोई एक खेत आपका है जो आपने खरीदा है।

आप अपने विद्यालय में अपने मित्र को कैसे बताएँगे कि आपने इतने सारे खेतों में से कौन सा खेत खरीदा है।

क्या आप अपने खेत को उठाकर अपने क्लास में ले कर जा सकते हैं ?

नहीं।

पर आप आसानी से कागज कलम की मदद से उसे अपने खरीदे हुए खेत के बारे में  चित्र बनाकर बता सकते हैं।

इसी को नक्शा कहते हैं।

घर का नक्शा (मानचित्र) कैसा होता है ?

घर का नक्शा

                          घर का नक्शा

जैसा घर होता है ठीक उसी तरह घर का नक्शा होता है।

नीचे दिए हुए चित्र से समझ में आ जाएगा कि घर का नक्शा कैसा होता है।

सबसे पहले हमें दो-चार सीढ़ी चढ़ते ही एक वरांडा  मिलता है।

बरांडे की एक दीवार पे एक दरवाज़ा होता है जिससे हम पहले कमरे में प्रवेश करते हैं।

इस कमरे में दो दीवारों पे तो खिड़कियां हैं मगर  घर के और अंदर जाने के लिए एक और दरवाज़ा है।

उसी तरह दरवाज़े से निकलते ही हमें बायीं तरफ एक और कमरा दिखाई पड़ता है।

इस कमरे से निकलते हैं तो सामने खाना बनानेवाला कमरा जिसे रसोईघर कहते हैं वो मिलता है।

उसी तरह रसोई घर से निकल कर और आगे जाते हैं तो स्नानघर (BATHROOM) ।

और उससे आगे जानेपर टॉयलेट (TOILET) मिलता है।

इसी को कागज़ पर बनाएंगे तो बन गया घर का नक्शा। इसी प्रकार कई कमरों को मिलाकर एक घर बनता है।

गाँव का नक्शा कैसा होता है ?

गाँव का नक्शा

                          गाँव का नक्शा

एक सड़क होती है।

उसके दोनों तरफ घर या दुकाने होती हैं।

सड़क से अलग अलग रास्ते निकलते हैं।

इन रास्तों पे भी कच्चे -पक्के मकान होते हैं।

कुछ दूरी पर झोपडी होती है और फिर लोगों के खेत होते हैं।

गाँव के बीच में एक खुली जगह होती है जहाँ बाज़ार लगता है।

हो सकता है गाँव में कोई तालाब या पोखर भी हो।

जब हम इसे कागज़ पर बनाएंगे तो ये गाँव का नक्शा हो गया।

आपका गाँव आपके घर से बड़ा है या छोटा ?

आपका गाँव बड़ा है इसलिए घर छोटे छोटे दिखाई पड़ते हैं।

शहर का नक्शा कैसा होता है ?

शहर तो आप ज़रूर घूमने गए होंगे।

क्या-क्या होता है एक शहर में – सड़कें , स्कूल , कॉलेज, बाजार, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, पुलिस चौकी,अस्पताल।

जब इन्हें कागज़ पर बनाएंगे तो शहर का नक्शा बन जाएगा।

उसी तरह ब्लॉक और जिला का भी नक्शा बनाया जा सकता है।

जिले के नक़्शे में कई प्रखंड (BLOCK) होंगे।

जो प्रखंड जहाँ पर स्थित है वहां उसका नाम लिख दिया जाता है।

राज्य का नक्शा :

 बिहार का नक्शा (मानचित्र)

      बिहार का नक्शा (मानचित्र)

इसी प्रकार आपने अपने राज्य का नक्शा भी देखा होगा।

राज्य के नक़्शे में सभी जिलों के नाम लिखे होते हैं।

आप आसानी से सभी जिलों के नाम देख सकते हैं।

सुविधा के लिए सभी जिलों को अलग-अलग रंगो से भी दिखाया जाता है।

राज्य बड़ा होता है इसलिए उसमे जिले तो दिखाई पड़ते हैं लेकिन

छोटे-छोटे गाँव दिखाए नहीं देते।

 भारत का नक्शा :

जैसे आप किसी राज्य के होते हैं उसी प्रकार राज्य भी किसी देश का होता है।

भारत में कई राज्य हैं।

जैसे जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, असम , गुजरात , राजस्थान, तमिलनाडु……..।

भारत के नक़्शे से आप समझ सकते हैं कि भारत में कितने राज्य हैं और कौन सा राज्य कहाँ पर स्थित है।

इसमें हो सकता है कि आपको अपना जिला या गाँव दिखाई नहीं दे क्योंकि भारत विशाल देश है।

नक्शा कितने प्रकार का होता है ?

जब आप भारत का नक्शा देखते हैं तो उसमे आपको राज्यों के नाम दिखाई देते हैं।

लेकिन आप सोच रहे होंगे कि  इसमें हिमालय, पठार, रेगिस्तान तो कहीं दिख ही नहीं रहा है।

इसलिए नक्शा कई प्रकार के होते हैं।

यहाँ हम सिर्फ दो प्रकार के नक़्शे की बात करेंगे : भारत का राजनीतिक नक्शा और भारत का भौतिक नक्शा

I) भारत का राजनीतिक नक्शा (मानचित्र) :

भारत के राजनितिक मानचित्र में आपको सिर्फ राज्य, उसकी सीमाएं,राजधानी और प्रमुख शहर ही दिखाई देंगे https://www.rajasthangyan.com/list?nid=20

मानचित्र के ऊपर लिखा हुआ रहता है कि ये राजनीतिक नक्शा है या भौतिक।

किसी भी एटलस में आप भारत का आकार और स्थिति  देख सकते हैं।

राजनैतिक नक़्शे में भारत के दो द्वीप भी दिखाई देंगे – लक्षद्वीप और  अंडमान और निकोबार

II) भारत का भौतिक नक्शा :

इसी प्रकार नक़्शे पर भौतिक लिखा हुआ होता है।

उसमे आपको राज्य के नाम , शहरों के नाम  जिलों के नाम नहीं दिखाई देंगे।

इसमें ये दिखाया जाता है कि भारत की ज़मीन कैसी कई।

जहाँ बहुत ऊंची ज़मीन होगी उसे हम पहाड़ कहेंगे जैसे  हिमालय

क्यों है हिमालय भारत का सबसे कमज़ोर पर्वत (हिमालय पर क्लिक करें)

उससे कम ऊंची ज़मीन होगी और ऊपर से चपटी होगी उसे हम पठार कहेंगे।

जहाँ बालू अत्यधिक मात्रा में पायी जाती है उसे हम मरुस्थल यानी रेगिस्तान कहेंगे ।

जहाँ ज़मीन बिलकुल मैदान के जैसे सपाट हो उसे हम मैदानी भाग कहेंगे।

इस नक़्शे से हमें ये पता चल जाता है कि भारत में पहाड़, पठार, मरुस्थल, नदी और समुद्र कहाँ-कहाँ स्थित है।

एशिया का नक्शा (मानचित्र) :

अभी आपने पढ़ा कि कई राज्यों को मिलाकर एक देश बनता है।

ठीक उसी प्रकार कई देशो को मिलाकर एक महाद्वीप बनता है।

जैसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्री लंका, चाइना , जापान, ईरान, रूस आदि देशों को मिलाकर बनता है एशिया महाद्वीप।

दुनिया का नक्शा (मानचित्र) :

कई देशो को मिलाकर एक महाद्वीप बनता है।

उसी प्रकार कई महाद्वीपों को मिलाकर पूरी दुनिया का नक्शा बनता है।

दुनिया के नक़्शे को हम ग्लोब पर देख सकते हैं ।

पूरी दुनिया में कुल मिलाकर सात महाद्वीप हैं।

जिनके नाम हैं एशिया, यूरोप, उत्तरी अमरीका, दक्षिणी अमरीका, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिक।

शिक्षकों को क्या करना चाहिए ?

१.

शिक्षकों को चाहिए कि वो ४-५ बच्चों का छोटा सा ग्रुप बना दें। (कक्षा को ४-५) ग्रुप में बाँट दें )

बच्चों को चॉक की मदद से ज़मीन पर भारत का नक्शा (पुस्तक से देखकर) बनाने को दें ।

आटा या फिर मिटटी की मदद से नक्शा देखकर कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक हिमालय पहाड़ बनाएं।

उसी आटे या मिटटी की मदद से अरावली और दक्कन का पठार बनाएं।

जहाँ-जहाँ मैदानी भाग है, वहां पर हरी-हरी घास चिपका दें।

जहाँ पर रेगिस्तान है वहां पर रेत (बालू) छिड़क दें।

नीले चॉक की मदद से बंगाल की खाड़ी , अरब सागर और हिन्द महासागर बनाएं।

सभी बच्चों या अभिभावकों को बच्चों द्वारा बनाया नक्शा देखने के लिए आमंत्रित करें।

http://https://www.youtube.com/watch?v=IWslVIr9ZsI

२.

इसी प्रकार बच्चों को भारत के सभी राज्यों को चॉक की मदद से ज़मीन पर (पुस्तक से देखकर) बनाने दें।

खेल-खेल में बच्चे भारत का नक्शा आसानी से देखना और बनाना सीख जायेंगे। 

यह लेख देश के हिंदी मीडियम विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए लिखा गया है। ये वो बच्चे हैं जो कभी अपने गाँव से बाहर नहीं निकले हैं। इनमे से कई विद्यार्थियों ने कभी भी समुद्र, पहाड़, या रेगिस्तान नहीं देखा है। इनके पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वो बड़े विद्यालयों में जाकर पढाई कर सकें। गाँव में रहकर भारत या फिर दुनिया के नक़्शे की कल्पना करना इनके लिए मुश्किल काम है।

इस लेख को अत्यंत ही सरल भाषा में लिखा गया है ताकि उन्हें पढ़ने और समझने में आसानी हो।

सभी पाठको से अनुरोध है कि अगर आप किसी ऐसे शिक्षक, विद्यालय या विद्यार्थी को जानते हों जो हिंदी मीडियम का छात्र है, तो उससे इस लेख को ज़रूर शेयर करें। 

 

 

Related Posts

2 Comments

  1. कुलदीप

    वैसे मैं भी एक ब्लॉगर हूँ. लेकिन आपकी लेखन शैली मुझे बहुत अच्छी लगी। आपने जिस तरीके से बच्चो को सिखाने के उद्देश्य से लेख को लिहा है वह बिलकुल शिक्षक की तरह है। बाकि हम जैसे ब्लॉगर तो नमस्कार दोस्तों, अज हम ये बताएँगे वो बताएँगे जैसी ही शैली का इस्तेमाल करते है।

    Reply
    • Avinash Sharan

      धन्यवाद कुलदीप जी। आपका comment हम जैसे blogger ke लिए बहुत ही उत्साहवर्धक है।

      Reply

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *